SHIV CHALISA LYRICS FUNDAMENTALS EXPLAINED

shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained

shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained

Blog Article

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥

अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती।

In case the download website link provided in the put up (सम्पूर्ण शिव चालीसा

From Sati came the usage of the ritual “suicide” of widows who ended up immolated by their partner’s family to the funeral pyre in their husband or wife, typically since the spouse could divert Portion of the loved ones fortune by marrying another gentleman, or by returning to her household and getting the first dowry with her.

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

शंकर हो संकट more info के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

शिव आरती

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

Report this page